अपनी भेड़ों को पहाड़ की तलहटी में चराने ले
जाता था।जब भेड़े चऱने लगती थी।तब वह बैठे-
बैठे उसे अकेलापन और उवन सताती थी उसे
समझ नहीं आता था कि वह क्या करें।एक दिन
उसे एक शरारत सूझी वह चिल्लाया, "भेड़िया
आया,"भेड़िया आया"उसकी पुकार सुनकर गांव
वाले भागे आए। उसने कहा," बुद्धू बनाया, "बुद्धू
बनाया, और हंसने लगा। गांव वालों को बहुत क्रोध
आया वह चुपचाप वापस चले गए पर गडरिया को
बहुत मजा आया। ऐसा उसने कई बार किया एक
दिन सच में भेड़िए ने भेड़ों पर हमला कर दिया।
सहायता के लिए चीलाने पर भी कोई गांव वाला नहीं आय
गडरिया देखता ही रह गया और भेड़िया भेड़ों को
लेकर चला गया। अपनी मूर्खता पर ग्रेडिया बहुत
पछताया और खाली हाथ वापस लौटा
शिक्षा - झूठ बोलने वालों पर कोई विश्वास नहीं करता है इसलिए हमेशा सच बोलना चाहिए