मेहनती थी पर तीसरी मछली भाग्यवादी थी ।एक शाम,
उधर से जाते हुए दो मछुआरों ने तालाब को ढेर सारी
मछलियों से भरा हुआ देखा ।उन्होंने अगले दिन आकर
मछलियों को पकड़ने का निश्चय किया ।दोनों मेहनती
मछलियों ने मछुआरे की बात सुने ली। उन्हें खतरा लगा।
मैं मछुआरों से बचने का उपाय सोचने लगी। अपने साथ
तीसरी बड़ी मछली को लेकर ,तालाब के दूसरे छोर पर
जाकर, उन्होंने छिपाने का निश्चय किया ।यह सुनकर
तीसरी मछली हंसने लगी। उन्होंने कहा कि वह यहां
रहती है और किसी ने आज तक उन्हें नहीं पकड़ा है ।
व्यर्थ ही भयभीत नहीं होना चाहिए। वह दोनों मछलियों
के साथ नहीं गई ।अगली सुबह मछुआरों ने आकर जाल
डाल दिया ।मेहनती मछलियां बच गई पर तीसरी
भाग्यवादी मछली छोटी मछलियों के साथ जाल में फंस गई।
सीख - जीवन में सजगता आवश्यक है हमेशा संभल कर रहना चाहिए