भी निर्दई नहीं होने की सलाह दी। शिष्य ने गुरु
की सलाह पर ध्यान नहीं दिया। और एक शिकारी
बन गया। वह नीरअपराध जानवरों को बिना किसी
कारण के सता कर आनंदित होता था। 1 दिन
हुआ है एक जंगल से गुजर रहा था। उसे तीन बंदर
बैठे देखें। उसने अपना धनुष उठाया, निशाना
साधा और तीर छोड़ दिया। वह घायल हो गए।
प्रसन्न मन से अपने घर की ओर चल दिया।
अचानक जोरों की बारिश होने लगी। घर पहुंच कर
उसने देखा कि बिजली गिरने से उसका घर
क्षतिग्रस्त हो गया था। उसके बच्चे और पत्नी
घायल हो गए थे। तभी एक खंभा उसके सिर पर
पीछे की ओर से गिरा और वह भी घायल हो गया।
दर्द से कराह उठा। तकलीफ होने पर उसे अपने
गुरु की बात याद आई और वह पश्चाताप करने लगा।
शिक्षा - निर्दयतापूर्ण विनाश का कारण होता है