तालाब के पास रहने आ गया।उसी तालाब के पास
हजारों खरगोश बिल बना कर रहते थे। हाथी जब
पानी पीने जाते तो बेचारे खरगोश उनके पैरों से
कुचल जाते हैं और उनके घर भी टूट जाते थे दुखी
खरगोश ने अपने राजा से सहायता मांगी। खरगोश
राज हाथिराज के पास गया।उसने कहा कि चंद्रदेव
हाथियों से रुष्ट हो गए थे। उन्होंने उसे यह बता ने
भेजा था कि हाथियों ने चंद्रताल की पवित्रता भंग
की थी। दुखी होकर हाथी राज ने क्षमा याचना का
तरीका पूछा। खरगोश राज अपने साथ हाथी राज
को चंद्र ताल के पास ले गया वहां हाथी राज ने चंद्र
देव का प्रतिबिंब देखा हाथी राज ने वादा किया कि
वह सभी हाथियों को लेकर चुपचाप वहां से किसी
दूसरी जगह चला जाएगा और फिर कभी नहीं
आएगा बस खरगोश खुशी-खुशी वहां रहने लगे
सीख - चतुर नेता से सब का भला होता है
जब आप सच्चाई और सफाई की राह पर अग्रसर
होते हैं तब जीवन मैं कई बार ऐसा समय आता है
कि आपको लगे आप अकेले हो गए हैं कोई
आपके साथ नहीं है तब दुखी मत होना सत्य का
मार्ग बहुत कम लोग सुनते हैं जहां सत्य है वहां
परमात्मा का साथ और सहयोग स्वता प्राप्त होता
है और सदा स्मरण रखिए विजय के सिंहासन पर
अकेले ही बैठना होता है