जाकर अच्छा धन कमाया। वापस आकर उन्होंने
धन को सुरक्षित रखने के लिए जमीन में गाड़
दिया। एक रात पाप बुद्धि के मन का चोर जागा
और उसने सारा धन चुरा लिया।चोरी का दोस्त धर्म
बुद्धि पर मढ दिया।न्याय के लिए वह राजा के पास
गए। पाप बुद्धि ने कहा कि जंगल के राजा ने धर्म
बुद्धि को चोरी करते देखा था ।अगले दिन राजा
का न्याय होना था।पाप बुद्धि ने अपने पिता से
कहा, आप बड़े पेड़ के पीछे छुप जाएं और जब
पूछा जाए कि चोरी किसने की तो धर्म बुद्धि का
नाम ले ,अगले दिन दोनों मित्र और राजा उस गड्ढे
के पास गए जहां धन गड़ा था।,चोरी किसने की,
राजा के पूछने पर आवाज आई •धर्म बुद्धि •धर्म
चेक रिपब्लिक स्कारिंग बुद्धि को संदेश हुआ और उसने पेड़ के पीछे छुपे
हुए पाप बुद्धि के पिता को बाहर निकाल लिया।
राजा ने पाप बुद्धि को सजा दी।
सीख_ चल कभी फलीभूत नहीं होता इसलिए हमें किसी के साथ धोखेबाजी नहीं करना चाहिए