पहाड़ों और झरनों से घिरा हुआ था। जंगल की ओर एक
नदी बहती थी। उस जंगल में एक सुंदर कानी हिरनी
रहती। थी कानी होकर भी अत्यंत प्रसन्न ,साहसी और
सजग थी। पहाड़ की ऊंची चोटियों पर चरती थी ।सभी
जानवर उसके मित्र थे। उस चतुर हिरण ने कई जानवरों
को शिकारियों से बचाया था ।एक दिन एक चोटी पर वह
घास चर रही थी।एक दिन शिकारी पीछे की ओर से नाव
पर सवार होकर आया और उसी चोटी के पास गया
जिस पर हिरणी चल रही थी ।हालांकि हिरणी घास खाने
में व्यस्त थी पर उसके कानों में खतरे का आभास हो
गया। शिकारी उस पर निशाना साधा ही रहा था कि वह
अचानक से मुडीं इधर तीर छुटा और उसने तेजी से
जंगल में भाग कर अपनी जान बचा ली।
सीख_ सजगता मुसीबतों से रक्षा करती है हमेशा सजा कुकर रहना चाहिए