सर्प मिला। वे उसे घर ले आए और अपने पुत्र की
भांति उसका लालन-पालन करने लगे। कई वर्ष
बीत गए।पुत्र विवाह योग हो गया था।और वह
औरत अपने सर्प पुत्र का विवाह करना चाहती
थी। एक दिन वह आदमी अपने मित्र के पास गया।
बिना यह जाने कि उसका पुत्र एक सर्प है। मित्र ने
अपनी कन्या का विवाह उसके पुत्र से करने की
सहमति दे दी। लोगों ने दुल्हन को विवाह न करने
के लिए कहा पर वह नहीं मानी। एक रात उसने
एक खूबसूरत पुरुष को देखा। उसने बताया कि
वह ही उसका पति है। उस रात के बाद सर्प हर
रात पुरुष बन जाता और प्रातः होते ही सर्प में
बदल जाता। एक रात दंपत्ति ने चुपचाप अपने पुत्र
का सर्व रूपी केचुल उठाकर जला दिया। केचुल
जल जाने से वह वापस सर्प न बन सका।सभी
प्रसन्न हो गए। क्योंकि पुत्र को श्राप से मुक्ति मिल
गई थी और उसे पुरुष रूप मिल गया था।
शिक्षा - प्रेम में बहुत शक्ति होती हैं
जिस दिन हम यह समझ जाएंगे कि
सामने वाला गलत नहीं है सिर्फ
उसकी सोच हमेशा अलग है
उस दिन जीवन से दुख समाप्त हो जाएंगे
नाराज होने के लिए एक खास रिश्ता
होना चाहिए क्योंकि
नाराजगी भी बहुत कीमती चीज है
सामने नाराजगी समझने वाला भी होना चाहिए