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कौवा और उल्लू की कहानी




इस बार सभी पक्षियों ने जंगल में एकत्रित होकर अपना नया नेता चुनने का निर्णय किया। चतुर और जिम्मेदार होने के कारण सब ने एकमत से उल्लू को अपना नेता  बनाना निश्चय किया। सभी उत्साहित और प्रसन्न थे।सभी तैयारियां हो चुकी थी। दो पक्षी हार भी ले आए थे। उल्लू का राजतिलक होने ही वाला था। कि एक कौवा आ गया उसने कहा इतने अच्छे-अच्छे पक्षियों के होते हुए दिन में अंधे पक्षी उल्लू को वह सब राजा क्यों बना रहे हैं बात पक्षियों को समझ आ गई। उल्लू को कौवे पर बहुत क्रोध आया।उसने कहा कि आज से वह उसका शत्रु होगा। सभा समाप्त हो गए। सभी पक्षियों के चले जाने के पश्चात कव्वे ने सोचा, " मैंने बेकार में उल्लू को अपना बैरी बना लिया। "कौवे को आश्चर्य हो रहा था कि आखिर उसने उल्लू से झगड़ा मोल ही क्यों लिया।





 शिक्षा - एक बार बोले गए शब्द वापस नहीं लिए जा सकते






             भगवान कहते हैं कि
       क्षमा करना और क्षमा मांगना
       कमजोर मनुष्य का काम नहीं है
      शक्तिशाली मनुष्य ही ऐसा कर सकता है
           क्षमा मांगने के लिए अभिमान
         का त्याग और क्षमा करने के लिए
        विशाल हृदय की आवश्यकता होती हैं
 इसलिए क्षमा कर दीजिए और क्षमा मांग लीजिए





             रिश्तो में बढ़ती हुई
      नफरत का एक कारण यह भी है
           आजकल लोग गैरों को
         अपना बनाने में और अपने को
           नजर अंदाज करने में लगे हैं  


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