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हंस और कछुआ पंचतंत्र की कहानी


एक कछुआ और दो हंसों में गाड़ी मित्रता थी।

तालाब के किनारे वे हर दिन मिलते थे। एक वर्ष

बहुत कम बारिश हुई तालाब को सूखा देखकर

हंसों को चिंता होने लगी उन्हें पहाड़ के दूसरी ओर

एक और तालाब का पता चला उन्होंने वहां जाने

का निर्णय किया अपने प्रिया मित्र कछुआ से दूर

नहीं होना चाहते द इसलिए उन्होंने कछुआ को भी 

साथ चलने के लिए कहा कछुआ ने कहा की वह 

उद नहीं सकता पर उसके पास एक युक्ति है उसने 

हंस को एक दांडी अपनी सोच में pakdane के 

लिए कहा और दांडी को बीच से वह पकड़ लेगा 

हंस राजी  हो गए पर उन्होंने कछुआ को उड़ते 

समय अपना मुंह खोलने से माना किया वो तीनों 

उड़ते हुए एक शहर के ऊपर से जा रहे थे।शहर के 

बच्चों इस ashcharyjank दृश्य को देखकर खुश 
होकर शोर मचाने लगे कछुआ ने भी कुछ कहना 

चाहा जैसे ही उसने  अपना मुंह खोलते ही वह गिर 

पड़ा और घायल हो गया




सिख_buddhimanon की सलाह अवश्य माननी चाहिए वह हमें अच्छी सलाह देते हैं उनकी सलाह को कभी इग्नोर नहीं करना चाहिए

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