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एक साधु और बिच्छू की कहानी



एक बार एक साधु नदी में नहा रहा था । नदी में

उसने एक बिच्छू को डूबता हुआ देखा। उसने

बिच्छू को बचाने के लिए उसे हाथ पर उठाया।

बिच्छू उसे जोर से काटकर छीटक्कर पानी में गिर गया
साधु ने उसे फिर हाथ पर उठाया। बिच्छू ने उसे फिर से काट लिया।
इस तरह साधु बार-बार उसे बचाने की कोशिश

करता रहा और बिच्छू ने उसे उतनी ही बार

काटता रहा किनारे पर बैठा एक व्यक्ति यह सब

देखता रहा था

उसने साधु से पूछा,_बिच्छू के बार बार काटने

पर भी आप ऊसे बचाना नहीं छोड़ते ऐसा क्यों?

साधु ने उत्तर दिया,_काटना बिच्छू का स्वभाव है

और बचाना मनुष्य का। वह कीटक होकर भी

अपना स्वभाव नहीं छोड़ता है मैं तो मनुष्य हूं

अपना स्वभाव कैसे छोड़ दू।,,




सीख_। आदर्शों का पालन करके सामान्य व्यक्ति भी महान बन सकता है।





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