चिता सियार और कौवा। एक दिन उन लोगों ने
रास्ता भूले हुए ऊट को देखा। शेर ने ऊंट को
अतिथि समझ कर अपने राज्य में रख लिया एक
बार शेर घायल हो गया। शिकार करने में असमर्थ
था शेर ने अपने सहायकओ से भोजन लाने के
लिए कहा उन्हें कोई शिकार नहीं मिला
तब उन्होंने ऊंट को खाने का सुझाव दिया। पर शेर
नहीं माना उन्होंने शेर को समझाया की यदि ऊट
स्वयं आपसे खाने का अनुरोध करें तो माना मत
करना ऊंट के आने पर धूर्त सहायको ने एक के
बाद एक शेर से कहा
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हुजूर; आप मुझे ही खा ले हम कब आपके कम
आएंगे
यह देखकर उठने की वैसा ही कहा बस या सुनते
ही सब के सब उसे पर टूट पड़े
सिख_धूर्त से घिरे हुए मलिक पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए किसी के बातों में नहीं आना चाहिए